भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों और योजनाओं की समीक्षा की। जहां उन्होंने निर्देश दिया है कि लाड़ली बहनों को लघु उद्योग और व्यवसाय की गतिविधियों से जोड़ा जाए। सीएम ने कहा कि हुनरमंद लाड़ली बहनों को चिन्हित कर लघु उद्योगों से जोड़ा जाएगा तो उनके आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। हितग्राही बहनों को यह लाभ दिलवाया जाए। बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया भी उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण में सीएसआर फंड का उपयोग किया जाए। आंगनवाड़ी केंद्रों को व्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के लिए प्राप्त जन सहयोग सराहनीय है। बैठक में जनजातीय बहुल क्षेत्र में आंगनवाड़ी केंद्रों को अधिक प्रभावी बनाने के संबंध में भी चर्चा हुई। प्रदेश में 97 हजार 339 आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। इनसे 81 लाख महिलाएं और बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मिशन वात्सल्य सहित विभिन्न कार्यक्रम की सतत् मॉनिटरिंग के निर्देश दिए।
सीएम ने मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, पोषण अभियान, प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जन-मन), शाला पूर्व शिक्षा गतिविधि, आंगनवाड़ी सेवाओं के सुचारू संचालन, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर शक्ति अभिनंदन अभियान के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। बैठक में बताया गया कि महिलाओं के लिए प्रदेश में शक्ति सदन और सखी निवास संचालित हैं।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में मध्यप्रदेश अग्रणी
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में मध्यप्रदेश देश में अव्वल है । वर्ष 2024 -25 में प्रदेश में 2 लाख 46 हजार 185 हितग्राही पंजीकृत हैं। योजना शुरू होने से अब तक 1191 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान हितग्राहियों को किया गया है। योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को मजदूरी की हानि की आंशिक क्षति पूर्ति के रूप में प्रोत्साहन राशि प्रदान करना और दूसरे प्रसव पर बालिका जन्म को प्रोत्साहित करना शामिल है। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का क्रियान्वयन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम प्रावधान के अनुक्रम में एक जनवरी 2017 से प्रारंभ किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मिशन वात्सल्य के तहत फोस्टर केयर की मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए।