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मंत्रालय के मूल भवन को हाइटेक बनाने की कवायद, नए के नाम पर 80 करोड़ खर्च करने की योजना

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भोपाल। अब मप्र सरकार छह दशक से भी ज्यादा पुराने लेकिन मजबूत और हवादार मंत्रालय भवन को आधुनिक लुक देने की कवायद में हैं। इस पर 600 करोड़ खर्च करने की योजना है। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहे हैं कि कहीं यह भवन भी नए मंत्रालय भवन की तरह ‘बंद-बंद’ न हो जाए। दरअसल इस भवन को जरूरत के मान से छोटा बताकर इसके इर्दगिर्द जिन दो नई इमारतों का जाल बिछाया गया है, वह दिखने में भले भव्य व आधुनिक हों इसके भीतर का वातवरण बहुत मुफीद नहीं माना जाता। बहरहाल अब सरकार ने पुराने मंत्रालय भवन का रेनोवेशन जल्द शुरू करने का निर्णय लिया है।

कहा जा रहा है कि बाहरी ढांचे को बदले बगैर इसे वीबी-2 और वीबी-3 की तरह मॉर्डन लुक दिया जाएगा। थोडी ही दूरी पर बने सतपुड़ा और विंध्याचल भवन में लगी आग की घटनाओं से सबक लेकर पहली बार वीबी-1 में भी फायर सेफ्टी के हाईटेक इंतजाम किए जाएंगे। इसमें पहली बार फायर हाइड्रेंट सिस्टम लगेगा। इसके तीन हजार इनडोर स्प्रिंक्लर्स कार्बन स्मोक (काला धुआं) या 50 डिग्री तापमान की तपिश को डिटेक्ट करते ही खुद पानी छिड़काव चालू कर देंगे। ऐसे ही एड्रेसेबल फायर अलार्म सिस्टम के डिटेक्टर, कंट्रोल रूम में लगी स्क्रीन पर ये संदेश देंगे कि आग कौन सी मंजिल पर और किस कमरे में लगी है। हर कमरे, मीटिंग हॉल, टॉयलेट्स और कॉरिडोर में ये स्प्रिंक्लर्स और डिटेक्टर लगाए जाएंगे।

गुजरात की कंपनी करेगी रेनोवेशन का काम
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय की इस पुरानी यानि वीबी-1 इमारत का बडे पैमाने पर बाहरी और आंतरिक रेनोवेशन पहले नहीं हुआ। बताते हैं कि इसके रेनोवेशन पर पीडब्ल्यूडी 86.08 करोड़ रुपए खर्च करेगा और 49.76 करोड़ रुपए में सिविल वर्क और 36.32 करोड़ से बिजली के काम पूरे होंगे। बताते हैं कि रेनोवेशन का काम गुजरात की कंपनी करेगी। पीडब्ल्यूडी अफसरों का कहना है कि वीबी-1 की कलर थीम भी वीबी-2 और वीबी-3 की तरह ही रखी जाएगी। इस भवन के नॉर्थ-साउथ एलिवेशन का नवीनीकरण किया जाएगा। इसकी इंटरनल लाइटिंग एलईडी होगी। इसमें एयरकंडीशनिंग के लिए वीआरवी सिस्टम लगेगा।

पहली बार फायर हाइड्रेंट सिस्टम
खबरो के मुताबिक वीबी-1 की फायर सेफ्टी के लिए 10 पंप भी लगाए जाएंगे। इनमें 2 इलेक्ट्रिक पंप, 6 जॉकी पंप और 2 डीजल पंप शामिल हैं। आग लगने पर बिजली नहीं कटती है तो आग बुझाने का काम इलेक्ट्रिक पंप के जरिए किया जाएगा। बिजली कट हो जाती है तो डीजल पंप ये काम करेंगे। जॉकी पंप का काम पानी के प्रेशर को बढ़ाना है। वीबी-1 में 19 विभाग और 10 मंत्रियों के बैठने की व्यवस्था करने की योजना है। प्लानिंग ऐसी है कि प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी से लेकर उनके सपोर्टिंग स्टाफ तक के सभी कर्मचारी-अधिकारियों को एक ही फ्लोर पर बिठाया जाए। वीबी-1 के बेसमेंट में नया रिकॉर्ड रूम भी बनाया जाएगा। साथ ही बैंक, लाइब्रेरी, पोस्ट आॅफिस, डिस्पेंसरी, झूलाघर, कैंटीन और विजिटर रूम भी बनाए जाने की योजना है।

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