भोपाल। मप्र में पेसा एक्ट लागू होने के बाद आदिवासी ब्लॉकों के प्रत्येक ग्राम पंचायत में पेसा मोबिलाइजर की नियुक्ति हुई थी। इनकी नियुक्ति का उद्देश्य था जनजातीय क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को सशक्त बनाना था। मप्र सरकार ने 4667 पेसा मोबिलाइजर को दीवाली से पहले बड़ा तोहफा दे दिया है। दरअसल मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पेसा मोबिलाइजर के मानदेय को 4 हजार से बढ़ाकर 8 हजार कर दिया है। उन्होंने इसकी घोषणा सोशल मीडिया साइट एक्स पर की है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम जनजातीय वर्ग के कल्याण हेतु पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्यरत हैं। इसी के साथ सरकार का एक और संकल्प पूर्ण हुआ। उन्होंने पेसा मोबिलाइजर्स को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं और कहा कि इस निर्णय से जनजातीय क्षेत्रों में ग्राम सभाओं की सशक्त भूमिका और मजबूत होगी।
2022 में लागू हुआ था पेसा एक्ट
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने नवंबर 2022 में बड़े जोर शोर से एमपी पंचायत अनुबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 2022, यानी पेसा एक्ट लागू किया था। तब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे। प्रदेश के 89 आदिवासी ब्लाकों के प्रत्येक ग्राम पंचायत में पेसा ग्राम सभा के क्रियान्वयन के लिए 4667 पेसा मोबिलाजर की नियुक्ति की गई थी। काम में लगे पेसा मोबिलाइजर का लंबे समय समय से मानदेव बढ़ाने की मांग कर रहे थे। गौरतलब है कि इन मोबिलाइजर का काम जनजातीय क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को मजबूत बनाने में मदद करना है। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने का काम भी करते है।