नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को एक बार फिर तीन दिनों के लिए विदेश की यात्रा पर रवाना हो गए हैं। पीएम आज ब्रुनेई और सिंगापुर के दौरे पर गए हैं। सबसे पहले पीएम आज एक दिनी दौरे पर ब्रुनेई पहुंचेंगे। वह सुल्तान हसनल बोल्कैया के निमंत्रण पर ब्रुनेई पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। इसके बाद वह बुधवार को सिंगापुर के दो दिवसीय दौरे के लिए रवाना होंगे। पीएम मोदी का ब्रुनेई और सिंगापुर का ये तीन दिवसीय दौरा काफी अहम माना जा रहा है। यह पीएम मोदी का सिंगापुर का पांचवां दौरा होगा। वह प्रधानमंत्री लॉरेंस वॉन्ग के निमंत्रण पर सिंगापुर जा रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम से भी मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही सिंगापुर के बिजनेस लीडर्स से उनकी मुलाकात इस दौरे का अहम बिंदु है। यह भी बता दें कि इस साल भारत और बु्रनेई के राजनयिक संबंधों के 40 साल भी पूरे हो रहे हैं।
ब्रुनेई और सिंगापुर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत के लिए उसके दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भागीदार करार दिया और कहा कि उनकी यात्रा से दोनों देशों के अलावा वृहद आसियान क्षेत्र के साथ भी भारतीय साझेदारी और मजबूत होगी। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया कि ‘जैसा कि हम अपने राजनयिक संबंधों के 40 वर्षों का जश्न मना रहे हैं, मैं सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया और शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपनी बैठकों की प्रतीक्षा कर रहा हूं, ताकि हमारे ऐतिहासिक संबंधों को नयी ऊंचाइयों तक ले जाया जा सके।’ उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरतनम, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, वरिष्ठ मंत्री ली सीन लूंग और सेवानिवृत्त वरिष्ठ मंत्री गोह चोक टोंग से मिलने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहा हूं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि इन देशों में कई कार्यक्रमों में शामिल होने के दौरान ध्यान इन देशों के साथ भारत के संबंधों को और गहरा करने पर होगा
पीएम मोदी के इस दौरे में व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने के साथ-साथ अंतरिक्ष और रक्षा सेक्टर में सहयोग को भी बढ़ाएंगे। ब्रुनेई के साथ भारत पहले ही अंतरिक्ष सेक्टर में कई अहम समझौते कर चुका है। इसके साथ ही इस दौरे से दोनों देशों के बीच कच्चे तेल और हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में भी संबंध मजबूत होंगे। इस दौरे पर सेमीकंडक्टर और हाइड्रोकार्बन आयात पर फोकस होने की उम्मीद है। इस क्षेत्र में कुछ समझौते भी हो सकते हैं। ब्रुनेई को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो पैसिफिक के विजन के लिहाज से काफी अहम देश माना जाता है। स्ट्रैटेजिक लिहाज से ब्रुनेई महत्वपूर्ण साझेदार देश है। इस देश की उत्तरी सीमा साउथ चाइना सी से लगती है।