चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा के किसान अपनी कई मांगों को लेकर बीते 10 महीने यानि फरवरी महीने से शंभू बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं। अब वह आज शुक्रवार को दिल्ली कूच करने जा रहे हैं। किसानों ने इसे दिल्ली चलो आंदोलन नाम दिया है। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे संगठन से जुड़े 100 सदस्य शंभू बॉर्डर से आगे बढ़ेंगे। किसान पैदल ही दिल्ली की ओर कूच करेंगे। किसानों ने दिल्ली मार्च करने के लिए नई रणनीति भी तैयार की है। सूत्रों की मानें तो जत्थे में सबसे आगे उम्रदराज किसान रहेंगे। हालांकि हरियाणा पुलिस ने किसानो को शंभू बार्डर से आगे नहीं बढ़ने की देने की पूरी तैयारी में हैं।
किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा-और दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी है. हरियाणा सरकार ने अंबाला (शंभू बॉर्डर) में धारा 144 लागू कर दी है. सार्वजनिक सभाओं और जुलूसों पर लगा दी गई है. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है. ड्रोन और वाटर कैनन की भी व्यवस्था की गई है। बता दें कि शंभू बॉर्डर पंजाब के पटियाला और हरियाणा के अंबाला को जोड़ती है। हरियाणा सरकार की ओर से बताया गया कि किसान दिल्ली जाना चाहते हैं, मगर उन्हें दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली है। ऐसे में उन्हें आगे नहीं जाने दिया जाएगा। पिछले प्रदर्शनों के अनुभव को देखते हुए गुरुवार शाम हरियाणा पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने शंभू बॉर्डर का दौरा भी किया।
किसानों ने भी अपनी तरफ की बैरिकेडिंग
शंभू बॉर्डर पर किसानों ने भी अपनी तरफ एक बैरिकेडिंग कर दी है। रस्सी लगाकर स्वयंसेवकों की ड्यूटी लगा दी गई है। इस रस्सी के आगे सिर्फ 101 किसानों का जत्था जाएगा, जिन्हें मरजीवड़े कहा जा रहा है। किसानों ने दिल्ली कूच करने वाले 101 मेंबरी जत्थे को मरजीवड़ा जत्था नाम दिया है। किसान नेता सुरजीत सिंह फूल का कहना है कि मरजीवड़े का मतलब किसी की जान लेना नहीं है, बल्कि अपनी जान कुर्बान करने के लिए खुद को पेश करना है। अगर इस जत्थे पर हरियाणा की तरफ से आंसू गैस के गोले ड्रोन के जरिये फेंके जाते हैं, तो रेस्कयू टीम के सदस्य तुरंत गीली बोरी इस पर फेंक कर धुएं से किसानों को बचाव करेंगे। मुंह पर बांधने के लिए गीले रूमालों को भी तैयार रखा जाएगा। पीने वाले पानी व एंबुलेंस की व्यवस्था भी रहेगी।
शंभू बॉर्डर पर धारा 163 का नोटिस चस्पा
उधर, शंभू बॉर्डर पर तरनतारन, अमृतसर, फिरोजपुर, बठिंडा, संगरूर, पटियाला, अंबाला और सिरसा से किसान पहुंचने लगे हैं। इसके साथ ही चिकित्सा सहायता, रसोई और यातायात प्रबंधन की देखभाल के लिए वालंटियर भी तैनात किए गए हैं। एक दिन पहले हरियाणा सरकार की ओर से शंभू बॉर्डर पर धारा 163 का नोटिस चस्पा किया गया है। इसके तहत पांच और इससे अधिक लोगों के इकट्ठे होने पर रोक रहेगी।
कई किसान नेताओं ने दिल्ली मार्च से बनाई दूरी
किसानों के दिल्ली मार्च से संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने खुद को अलग कर लिया है। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के चीफ गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा,’हमसे संपर्क नहीं किया गया और न ही हमसे सलाह ली गई, इसलिए अब तक हमने किसी भी मार्च में भाग लेने की कोई योजना नहीं बनाई है। हमने पहले भी समर्थन देने की कोशिश की थी, लेकिन चीजें ठीक नहीं रहीं। वे अपने हिसाब से फैसले ले रहे हैं और हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।’ आॅल इंडिया किसान सभा (अकङर) के नेता हन्नान मोल्लाह का कहना है कि एसकेएम इस विरोध मार्च में शामिल नहीं है।
‘बिना अनुमति नहीं मिलेगी दिल्ली में एंट्री’
अंबाला (हरियाणा) के डीसी ने किसान नेताओं को पत्र लिख कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए दिल्ली कूच को स्थगित करनी की अपील की है। डीसी अंबाला ने किसानों को पत्र जारी कर कहा कि अंबाला में पहले से बीएनएस की धारा 163 लागू है। किसानों को दिल्ली कूच से पहले दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने होगी। बिना अनुमति के किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।
अंबाला में आज बंद रहेंगे सभी स्कूल
किसानों के विरोध-प्रदर्शन और अंबाला जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने आज सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद रखने के आदेश दिए हैं। अपने आदेश में अंबाला प्रशासन ने कहा कि आज किसानों का विरोध-प्रदर्शन होना है इसलिए स्कूल बंद रखे जाएंगे।