नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 9वीं बैठक हुई। बैठक में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शामिशल हुर्इं। हालांकि वह बैठक को बीच में छोड़र चली गर्इं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब मैं बोल रही थी तो मेरा माईक बंद कर दिया गया। वहीं बैठक बिहार के सीएम नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए। इसके अलावा गैर भाजपा शासित राज्यों के सीएम भी बैठक में शामिल नहीं हुए। बता दें कि नीति आयोग केंद्र का सर्वोच्च सार्वजनिक नीति थिंक टैंक है, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं और इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, कई केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।
वहीं बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कहा कि देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है और राज्य इस लक्ष्य को हासिल करने में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वे लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये दशक बदलावों, तकनीकी और भू-राजनीतिक और अवसरों का भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए और अपनी नीतियों को अंतर्राष्ट्रीय निवेश के अनुकूल बनाना चाहिए। यह भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रगति की सीढ़ी है।
हमने 100 साल में एक बार आने वाली महामारी को हराया
पीएम ने कहा कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमने 100 साल में एक बार आने वाली महामारी को हराया है। हमारे लोग उत्साह और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। हम सभी राज्यों के संयुक्त प्रयास से विकसित भारत 2047 के अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। भारत एक युवा देश है। यह अपने कार्यबल के कारण पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा आकर्षण है। हमें अपने युवाओं को एक कुशल और रोजगार योग्य कार्यबल बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए। विकसित भारत बनाने के लिए स्किल, रिसर्च, इनोवेशन और नौकरी आधारित ज्ञान पर जोर देना जरूरी है।
गैर भाजपा राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बनाई दूरी
इस बैठक का गैर-भाजपा शासित कई राज्य सरकारों ने बहिष्कार करने का फैसला किया, और इन राज्यों के मुख्यमंत्री इस बैठक में नहीं आए। तीन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मसलन कर्नाटक के सिद्धारमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी ने इस बैठक में आने से पहले ही इनकार कर दिया था। इनके अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पंजाब और दिल्ली की आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारों ने भी बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस बैठक में नहीं आए लेकिन बिहार के दोनों डिप्टी सीएम ने बैठक में शिरकत की।
ममता ने लगाया माइक बंद करने का आरोप, वित्तमंत्री ने किया पलटवार
नीति आयोग की बैठक को बीच में छोड़कर निकलीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि उनको बोलने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया। उनका माइक बंद कर दिया गया। इससे नाराज होकर वो बैठक बीच में ही छोड़कर निकल आईं। हालांकि बैठक में शामिल केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि ममता बनर्जी को बोलने का पूरा समय दिया गया। समय से पहले उनका माइक बंद नहीं किया गया था। उनका समय खत्म हो गया था। ममता बनर्जी के आरोपों पर निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘सीएम ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं। हम सभी ने उन्हें सुना। हर मुख्यमंत्री को अलॉट किया हुआ समय दिया गया जो हर टेबल पर लगी स्क्रीन पर दिखाई दे रहा था। उन्होंने मीडिया में कहा कि उनका माइक बंद कर दिया गया था। यह पूरी तरह से झूठ है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हर मुख्यमंत्री को बोलने के लिए उचित समय दिया गया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि उनका माइक बंद कर दिया गया था, जो सच नहीं है। उन्हें झूठ पर आधारित नैरेटिव गढ़ने के बजाय सच बोलना चाहिए।’
केंद्रीय मंत्रियों ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, ‘पार्लियामेंट में कोई कहता है मेरा माइक बंद कर दिया जाता है, कोई कहता है मुझे बोलने नहीं दिया जाता। ये कहीं ना कहीं अफवाह है और जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। मैं उस मीटिंग में था नहीं लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसा नहीं हुआ होगा।’ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ममता बनर्जी जो कह रही हैं वह पूरी तरह से मिसलीडिंग है। उन्होंने खुद कहा कि वह जल्दी निकलना चाहती हैं इसलिए उन्हें पहले बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्हें पूरा समय दिया गया। उनकी घंटी भी नहीं बजी थी। उन्होंने अपनी बात कही। फिर वह बाहर आ गईं और वही किया जो उन्हें करना था। अफसोस की बात है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘मैंने नहीं देखा कि (नीति आयोग) बैठक में क्या हुआ। मैं केवल इतना ही कह सकता हूं कि यह तथाकथित इंडिया गठबंधन कोई गठबंधन नहीं है क्योंकि ममता ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी। वे जनता के जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं इसलिए हाय तौबा मचा रहे हैं।’