भोपाल। दो दिवसीय दौरे पर मध्यप्रदेश आर्इं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंची। वह सबसे पहले श्रीमहाकाल लोक पहुंची। जहां राष्ट्रपति ने गर्भगृह में जाकर बाबा महाकाल के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत की। एक ओर जहां श्रीमती मुर्मू ने सफाई कर्मियों को सम्मानित कर उनसे संवाद किया। राष्ट्रपति ने महाकाल मंदिर में झाड़ू भी लगाई। वहीं दूसरी ओर 1962 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले उज्जैन-इन्दौर सिक्सलेन मार्ग का भूमिपूजन भी किया। इन सभी कार्यक्रमों में राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहे।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि सफाईकर्मी अग्रिम पंक्ति के स्वच्छता योद्धा हैं। इन्हें आज सम्मानित कर मैं गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण के लिये सभी आगे बढ़ें। स्वच्छता ही देश को स्वस्थ और विकसित बना सकती है। देश का प्रत्येक व्यक्ति इस कार्य में सहयोग करे और सब मिलकर देश को विकसित राष्ट्र बनायें। मध्यप्रदेश ने शहरी और ग्रामीण स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। मध्यप्रदेश के कई शहरों को सफाई के लिये श्रेष्ठ शहर घोषित किया गया है। इन्दौर निरन्तर 7वीं बार देश का स्वच्छतम शहर घोषित हुआ है। भोपाल स्वच्छतम राजधानी बनी है। राष्ट्रपति ने स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी पूरी टीम को बधाई दी।
महात्मा गांधी के स्वच्छता के आदर्श को हमें करना है पूरा
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत में स्वच्छता देशव्यापी जन-अभियान बन गया है। स्वच्छता अभियान के द्वितीय चरण में वर्ष 2025 तक हमें देश में सम्पूर्ण स्वच्छता के लक्ष्य को हासिल करना है। देश में खुले में शौच से पूर्णत: मुक्ति और सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट प्रबंधन में उत्कृष्ट किया जा रहा है। महात्मा गांधी के स्वच्छता के आदर्श को हमें पूरा करना है। मैंने स्वयं अपने कैरियर की शुरूआत स्वच्छता के कार्यों से की। मैं नगर परिषद में उपाध्यक्ष थी और वार्डों में जा-जाकर स्वच्छता के लिये कार्य करती थी और लोगों को जागरूक करती थी। देशवासियों में आज स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है। मध्यप्रदेश के कई शहर वॉटर+, ओडीएफ++ के रूप में पुरस्कृत हुए हैं।
राष्ट्रपति के हाथों यह हुए सम्मानित
महामहिम ने सफाई मित्रों रश्मि टांकले, किरण खोड़े, शोभा घावरी, अनिता चावरे और गोपाल खरे का सम्मान भी किया। राष्ट्रपति ने 1692 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले उज्जैन-इन्दौर सिक्स-लेन मार्ग का भूमि-पूजन भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उज्जैन एवं प्रदेश में समग्र विकास के अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में आज उज्जैन में उज्जैन-इन्दौर सिक्सलेन मार्ग का भूमि-पूजन किया गया है। यहां विक्रम उद्योगपुरी मेडिकल डिवाइसेस पार्क बनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश में एक्सप्रेस-वे एवं एलीवेटेड कॉरिडोर बनाये जा रहे हैं। इन सभी के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयास सराहनीय हैं।
देवलोक से की उज्जैन की तुलना
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि अवन्तिका बाबा महाकाल की पवित्र, दिव्य एवं पावन नगरी है। गुप्तकाल भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग रहा है और उस समय उज्जैन भारत का महत्वपूर्ण नगर था। यहां संस्कृति और सभ्यता की प्राचीन परम्परा है। राष्ट्रपति ने कहा कि आज से 2000 वर्ष पूर्व उज्जैन परिवहन व्यवस्था का उत्कृष्ट केन्द्र था। यह अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का केन्द्र भी था। महाकवि कालिदास ने मेघदूत में उज्जयिनी की विशालता और भव्यता का अदभुत चित्रण किया है। देवलोक में जो महत्व अल्कापुरी नगरी का है, वही महत्व पृथ्वी पर उज्जैन नगरी का बताया गया है। मैं बाबा महाकाल, अवन्तिका नगरी और पवित्र शिप्रा नदी को प्रणाम करती हूँ।