नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में बीते दिनों हुए चार आतंकी हमलों को लेकर केन्द्र सरकार एक्शन में आ गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को घाटी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हाई लेवल मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार नवीन तरीकों से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों पर नकेल कस कर एक उदाहरण स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि 21 जून को योग दिवस के कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री मोदी 20 जून को श्रीनगर जा रहे हैं।
मीटिंग के दौरान गृह मंत्री शाह ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि आतंकवाद को कुचलें और आतंकियों की मदद करने वालों पर भी सख्ती बरतें। शाह ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी तीर्थ स्थलों और पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ाई जाए। शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे कश्मीर घाटी में एरिया डोमिनेशन प्लान और जीरो टेरर प्लान के जरिए हासिल की गई सफलताओं को जम्मू संभाग में भी दोहराएं।
अमरनाथ यात्रा पर भी रहा शाह का फोकस
मीटिंग के दौरान शाह का फोकस 29 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा पर भी रहा। शाह ने अधिकारियों से यात्रा रूट और नेशनल हाईवे पर अतिरिक्त बलों की तैनाती करने को कहा है। सूत्रों की मानें तो अमरनाथ यात्रा से पहले केंद्र ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाने के लिए केंद्रीय सुरक्षाबलों की 500 कंपनियों को घाटी में तैनात करने का फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक सीआरपीएफ, बीएसएफ आईटीबीपी और सीआईएसएफ समेत केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बल की 500 कंपनियों को अमरनाथ यात्रा के रूट पर तैनात किया जाएगा।
पांच लाख भक्त जा सकते हैं अमरनाथ यात्रा पर
गौरतलब है कि पिछले साल 4.28 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्री अमरनाथ यात्रा पर आए थे। इस बार यह आंकड़ा पांच लाख तक जा सकता है। यह कहा जा रहा है कि इस बार सभी तीर्थ यात्रियों को स्पेशल कार्ड दिए जा सकते हैं, ताकि उनकी असली लोकेशन का पता लगाया जा सके। इसके अलावा सभी को 5 लाख रुपए का बीमा कवर दिया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि तीर्थ यात्रियों को ले जाने वाले प्रत्येक जानवर के लिए भी 50 हजार का बीमा कवर होगा। शाह ने एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन से बेस कैंप तक सभी तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा पर जोर दिया।