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छरतपुर कोतवाली में पथराव का मामला: हिंसा के मुख्य आरोपी के बंगले पर गरजा बुलडोजर, 46 के खिलाफ नामजद हुई रिपोर्ट, 150 को बनाया अज्ञात आरोपी

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छतरपुर। छतरपुर में कोतवाली थाने में हुए पथराव मामले पर जिला प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर हिंसा के मुख्य आरोपी पूर्व सदर शहजाद हाजी के बंगले पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया है। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और प्रशासन की टीम मौजूद रहीं। वहीं पुलिस ने इस मामले में 46 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की है। साथ ही 150 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया है।

दरअसल, महाराष्ट्र में रामगिरी महाराज द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर मुस्लिम समाज में भारी आक्रोश है। बुधवार को छतरपुर में एफआईआर की मांग को लेकर मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोगों ने कोतवाली थाने का घेराव कर पथराव कर दिया। इस दौरान टीआई के साथ ही एडिशनल एसपी और एसपी पर भी पत्थर चले थे। जिससे टीआई अरविंद कुजूर के सिर और हाथ में चोट लगी है, जबकि सिपाही भूपेंद्र कुमार प्रजापति के सिर और एसएएफ के जवान राजेंद्र चढ़ार के भी सिर में चोट लगी। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के समय छतरपुर एडीएम, एसडीएम और सीएसपी भी थाने में मौजूद थे। घटना के बाद शहर में प्रशासन अलर्ट मोड पर था। देर रात को पुलिस प्रशासन ने निकाला फ्लैग मार्च निकाला था। डीआईजी, कलेक्टर और एसपी भी सड़कों पर उतरे थे।

चार और आरोपियों पर होगा एक्शन
कोतवाली थाने में पथराव के मामले में आरोपी शहजाद हाजी, पूर्व सदर अंजुमन इस्लामिया कमेटी, के नए मोहल्ला स्थित मकान पर गुरुवार को बुलडोजर चला और अवैध हिस्से को गिराया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। छतरपुर के एसपी अगम जैन ने कहा कि इस पूरी घटना का नेतृत्व करने वाले चार आरोपियों की संपत्ति पर कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार सुबह से हाजी शहजाद अली के भवन के अवैध हिस्से को ढहाया गया। अभी तीन और आरोपियों की संपत्ति पर कार्रवाई होगी। अन्य नामजद आरोपियों की तलाश की जा रही है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

सीएम ने दिए थे निर्देश
मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार रात को कहा कि छतरपुर जिले में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना मिलने पर तुरंत उच्च अधिकारियों से घटना की जानकारी ली और जवानों के समुचित इलाज के निर्देश दिए। मध्यप्रदेश ‘शांति का प्रदेश’ है, कोई भी सुनियोजित तरीके से कानून को हाथ में ले यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैंने पुलिस के उच्च अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दोषियों की जल्द पहचान कर कठोर कार्यवाही की जाए जिससे भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो। प्रदेश में शांति और सौहार्द बना रहे यही हमारी प्राथमिकता है।

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