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चुनाव बाद भी आम आदमी को नहीं मिली राहत: आरबीआई ने ब्याज दरों को लगातार 8वीं बार रखा जस का तस

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक के नतीजे सामने आ गए हैं। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मुंबई में शुरू हुई बैठक के नतीजों का शुक्रवार को ऐलान किया। आरबीआई ने लगातार आठवीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। यानि ब्याज दरों को 6.5% पर जस का तस रखा है। रेपो रेट स्थिर रहने से आपके लोन की ईएमआई में भी कोई बदलाव नहीं होगा। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो दर बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत की थी। बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी की यह पहली बैठक हुई है। उम्मीद लगाई जा रही थी कि चुनाव के आम लोगों को ब्याज दरों में राहत मिल सकती है।

शुक्रवार को नतीजों का ऐलान करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि मई की एमपीसी बैठक में चर्चा के बाद रेपो रेट 6.50% पर बरकरार रखने के साथ ही रिवर्स रेपो रेट 3.35%, स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी रेट 6.25%, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट 6.75% और बैंक रेट 6.75% पर रखा गया है। गौरतलब है कि रेपो रेट से बैंकों की ईएमआई जुड़ी होती है। ऐसे में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से यह तय हो गया है कि आपके बैंक लोन की ईएमआई में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने वाला है।

रेपो रेट में किसी भी बदलाव के पक्ष में नहीं थे एमपीसी के 4 सदस्य
आरबीआी गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक, एमपीसी के छह में से 4 सदस्य रेपो रेट में किसी भी बदलाव के पक्ष में नहीं दिखे। नए वित्तीय वर्ष की ये दूसरी एमपीसी बैठक है और फिलहाल रेपो रेट 6.50 फीसदी पर स्थिर है। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेटो रेट बदला था और इसे 25 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था. इसके बाद से इसे चेंज नहीं किया गया है। आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी के फैसले का एलान करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 25 में रियल जीडीपी ग्रोथ 7.2% रहने का अनुमान है। जो पिछले अनुमान 7% से अधिक है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्थिर खर्च के साथ निजी खपत में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि निवेश गतिविधियों में तेजी जारी है।

आरबीआई गवर्नर बोले- महंगाई दर 4% पर लाने के लिए केंद्रीय बैंक प्रतिबद्ध
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई में कमी लाने में एमपीसी की भूमिका अहम है। दास ने कहा कि वर्तमान में गर्मी के कारण सब्जियों की कीमतें बढ़ रही हैं। फइक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को स्थायी आधार पर 4% के लक्ष्य पर वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। आरबीआई की एमपीसी की बैठक हर दो महीने में होती है और इसमें शामिल रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास समेत छह सदस्य महंगाई समेत अन्य मुद्दों और बदलावों पर चर्चा करते हैं। यहां बता दें कि रेपो रेट का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है। इसके कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है और इसमें इजाफा होने से ये बढ़ जाती है। दरअसल, रेपो रेट वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है। रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

महंगाई के आंकड़ों पर एक नजर
मई महीने की रिटेल महंगाई दर के आंकड़े इस महीने के आखिरी में जारी किए जाएंगे। रइक रिसर्च के मुताबिक, अक्टूबर से वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक महंगाई दर 5 फीसदी से नीचे रहने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे पहले अप्रैल महीने में थोक महंगाई बढ़कर 1.26% हो गई है, जो इसका 13 महीने का हाई लेवल है। इसके अलावा अप्रैल में रिटेल महंगाई 4.83 फीसदी रही थी।

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