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घाटी में शाह की हुंकार: जम्मू-कश्मीर में जब तक शांति नहीं, तब तक पड़ोसी से बात नहीं , राहुल-कांग्रेस और एनसी पर भी किया वार

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जम्मू। जम्मू-कश्मीर में लंबे समय बाद हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे के बाद अब भाजपा के दिग्गज नेता और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे हैं। उन्होंने शनिवार को जम्मू के पलौरा में जनसभा की। चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शाह ने राहुल गांधी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर जमकर बोला। यहीं नहीं उन्होंने उन्होंने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पर घाटी में फिर आतंक फैलाने का आरोप भी लगाया। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होना है, जबकि अन्य दो चरण 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे। मतगणना 8 अक्टूबर को होगी।

शाह ने कहा कि जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह संयोग है कि भाजपा की पहली चुनावी रैली गणेश चतुर्थी के दिन शुरू हो रही है। आगामी चुनाव ऐतिहासिक चुनाव है। देश की आजादी के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के मतदाता तिरंगे के नीचे अपना वोट डालेंगे। अमित शाह ने कहा कि मैं राहुल गांधी से एक बात कहना चाहता हूं कि आप चाहे जितनी कोशिश कर लें, हम गुज्जर, बकरवाल, पहाड़ी और दलितों के आरक्षण को छूने नहीं देंगे। जब तक शांति नहीं होगी, पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी।

भाजपा सरकार के रहते ऐसा नहीं होगा संभव
शाह ने कहा- कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस का गठबंधन एलओसी (भारत-पाकिस्तान बार्डर) पर फिर से ट्रेड शुरू करना चाहता है। उसका पैसा आतंकियों के मददगार तक पहुंचेगा और इलाके में फिर से अशांति आएगी। हालांकि, भाजपा सरकार के रहते ऐसा संभव नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जेल में बंद पत्थरबाजों और आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों को छुड़ाना चाहती है, ताकि आतंक फिर से फैले। शाह ने आगे कहा- नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस कहती है कि हम जम्मू-कश्मीर को स्टेट का दर्जा देंगे। मैं अब्दुल्ला साहब और राहुल बाबा से पूछना चाहता हूं कि आप जम्मू-कश्मीर को स्टेट का दर्जा कैसे वापस देंगे? जनता को मूर्ख बना रहे हो आप क्योंकि जम्मू-कश्मीर को स्टेट का दर्जा तो सिर्फ भारत सरकार ही दे सकती है।

मैंने एनसी और कांग्रेस के एजेंडे को उजागर किया: शाह
आगे कहा कि हमने घर-घर जाकर इनके (नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस) विभाजनकारी एजेंडे के प्रति लोगों को जागरूक किया है। मैंने एक प्रेस वार्ता कर नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस के विभाजनकारी एजेंडे को उजागर किया था। लेकिन आज मैं आप सब के सामने आया हूं, क्योंकि मैं मीडिया से ज्यादा भरोसा आप पर करता हूं। क्योंकि मैं भी आपकी जमात वाला हूं, मैं भी बूथ अध्यक्ष रहा हूं। अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद-370 हटने से 70 साल के बाद जम्मू कश्मीर की माताओं-बहनों को अधिकार मिला है। नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस पार्टी ये अधिकार छीनना चाहती है। ये अधिकार आप छीनने दोग। नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस पार्टी पत्थरबाजी व आतंकवाद में लिप्त लोगों को जेल से छोड़ना चाहती है ताकि जम्मू, पुंछ, राजौरी जैसे क्षेत्र जहां शांति है, वहां फिर से आतंकवाद आए। क्या आप इन क्षत्रों में आतंकवाद को फिर से आने दोगे?

देश का एक ही पीएम होता है: अमित शाह
रैली में जम्मू कश्मीर के लोगों से बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि आने वाला चुनाव एक ऐतिहासिक चुनाव है। जब से देश आजाद हुआ। पहली बार जम्मू कश्मीर का मतदाता दो झंडे नहीं, एक तिरंगे के नीचे अपना मतदान करेगा। पहली बार, दो संविधान नहीं, भारत के संविधान (जिसको बाबा साहेब अंबेडकर ने बनाया) के अंतर्गत मतदान होने जा रहा है। पहली बार, पूरे जम्मू कश्मीर सूबे में प्रधानमंत्री नहीं बैठ सकता, प्रधानमंत्री एक ही होता है। जिसे कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक की जनता चुन कर भेजती है और वो हैं हमारे प्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

शाह बोले- हम जम्मू-कश्मीर को आॅटोनॉमी नहीं बनने देंगे
अमित शाह ने आगे कहा- नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी वाले कहते हैं, हम पहले जैसी व्यवस्था लाएंगे। क्या आप इससे सहमत हो? जिस आॅटोनॉमी की बात ने जम्मू-कश्मीर को आग में झुलसाया, घाटी में 40 हजार लोग मारे गए। ये कहते हैं, हम जम्मू-कश्मीर को आॅटोनॉमी देंगे। मैं आज कह कर जाता हूं, कोई भी ताकत आॅटोनॉमी की बात नहीं कर सकती। कश्मीर ने आतंकवाद से बहुत नुकसान उठाया है। कश्मीर में ऐसी सरकारें थीं जिन्होंने आतंकवाद के प्रति आंखें मूंद ली थीं। ऐसे लोग हैं जो शांति होने पर यहां आते और मुख्यमंत्री बन जाते और जब आतंकवाद होता तो वे दिल्ली जाते और कॉफी बार में कॉफी पीते। भारतीय जनता पार्टी ने 10 साल में आतंकवाद को 70% कम करने का काम किया है। सालों बाद घाटी में नाइट थियेटर शुरू हुआ, घाटी में ताजिया जुलूस निकाला गया।

शाह बोले- सरकार किसकी बनेगी, ये अब जनता तय करेगी
यहां अफवाह है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार बनाने जा रही है। मैं बहुत छोटी उम्र से चुनावी आंकड़े सीख रहा हूं और मैं आपको यह बता रहा हूं कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और फारूक अब्दुल्ला की सरकार कभी नहीं बन सकती। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भाजपा पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी और चुनाव जीतेगी। वो दिन चले गए जब कोई और तय करता था कि किसकी सरकार बनेगी, अब जम्मू-कश्मीर के लोग तय करेंगे कि किसकी सरकार बनेगी। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटें हैं, जिनमें से 47 घाटी में और 43 जम्मू संभाग में हैं। प्रदेश में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन फेज में चुनाव होने हैं। नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे।

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