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ग्वालियर RIC: मप्र सरकार को मिले 8 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव, गुना-शिवपुरी में 3500 करोड़ खर्च करेगा अडाणी ग्रुप

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भोपाल। मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर में बुधवार को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की गई। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कॉन्क्लेव का मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। मप्र सरकार को इस कॉन्क्लेव में 8 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। जिसमें 35 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। अडानी ग्रुप गुना और शिवपुरी में दो नई औद्योगिक यूनिट शुरू करेगा। शिवपुरी में 2500 करोड़ रूपए की लागत से रक्षा क्षेत्र में, वहीं गुना में 500 करोड़ रूपए की लागत से सीमेंट ग्राइडिंग यूनिट और बदरवास में जैकेट निर्माण यूनिट शुरू की जाएगी। अडानी ग्रुप के करण अडानी ने कहा कि ग्वालियर में यह कॉन्क्लेव आर्थिक प्रगति को बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि अडाणी ग्रुप 3500 करोड़ निवेश करेगा।

गोदरेज कंपनी ग्वालियर में साढ़े 4 सौ करोड़ का इन्वेस्टमेंट करने जा रही है। पर्सनल केयर के बाद अब होम केयर और हेयर केयर में एक्सटेंशन के लिए मालनपुर में नई यूनिट शुरू की गई है। बता दें कि मध्यप्रदेश में 6 महीने में ये तीसरा कॉन्क्लेव है। इससे पहले जुलाई में जबलपुर और फरवरी में उज्जैन में कॉन्क्लेव हो चुके हैं। उज्जैन और जबलपुर के मुकाबले ग्वालियर के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में उद्योगपतियों की दिलचस्पी ज्यादा है। इसकी वजह यह है कि देश के 7 बड़े रोड कॉरिडोर ग्वालियर-चंबल रीजन से होकर या इसके पास से गुजरते हैं। 9 सेक्टर के इंडस्ट्री प्रमुखों ने ग्वालियर-चंबल रीजन में अपने उद्योग लगाने में दिलचस्पी दिखाई है। कॉन्क्लेव में मेक्सिको, जाम्बिया के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

सीएम ने 47 नई औद्योगिक इकाईयों का किया भूमिपूजन और शुभारंभ
कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए सीएम मोहन ने कहा कि रीजनल कॉन्क्लेव मात्र कहने के लिये रीजनल हैं, हकीकत में यह कॉन्क्लेव राज्य स्तरीय है। इन औद्योगिक इकाइयों के प्रांरभ होने से स्पंदन पूरे प्रदेश में होना है। मंच पर 5 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन पत्र भी प्रदान किए गए। इसके साथ ही ग्वालियर-चंबल जिले के 8 जिला स्तरीय इंडस्ट्री फेसिलिटेशन सेंटर का शुभारंभ किया गया। ये केन्द्र ग्वालियर, मुरैना, भिंड, श्योपुर, शिवपुरी, दतिया, गुना और अशोकनगर में आज से ही प्रांरभ हो गए हैं। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में निजी क्षेत्र में बड़ा चिकित्सालय भी खोला जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव के आयोजन के पीछे यह भाव भी है कि उद्योगपति प्रदेश की विशेषताओं को आकर स्वयं देखें और मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापना का निर्णय लें। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 1586 करोड़ रूपए की लागत से प्रदेश में 47 नई औद्योगिक इकाइयों का सिंगल क्लिक से भूमिपूजन और लोकार्पण किया।

उद्योग और निवेश की दृष्टि से प्रमुख केंद्र रहा ग्वालियर
सीएम ने कहा कि अनुकूलता से उद्यमशीलता का विकास और तीव्र गति से संभव है। उद्योग और निवेश की दृष्टि से ग्वालियर प्रमुख केंद्र रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने इंदौर की हुकुमचंद मिल के श्रमिकों को मुआवजा राशि दिलवाने का कार्य किया गया है। यह कार्य अनेक वर्ष से लंबित था। रुग्ण औद्योगिक इकाइयों की समस्याएं भी हल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब ऐसे अन्य मामलों के लिए जरूरी निर्णय लिए जाएंगे। जे.सी. मिल ग्वालियर की समस्या भी हुकुमचंद मिल की तर्ज पर हल की जाएगी।

हमारा देश राम-कृष्ण का देश
सीएम मोहन यादव ने कहा कि हमारा देश राम-कृष्ण का देश है। इनसे सीखना चाहिए की शासन और विकास कैसे किया जाता है। भगवान कृष्ण तो कंस वध के बाद द्वारिकाधीश बने। मुख्यमंत्री ने उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के शासन का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि हमारा विक्रम संवत सुशासन की स्थापना से शुरू होता है। उनका शासन तो रोम तक था। उन्होंने सबको बुलाया और सारा कर्जा चुकाया। इतना ही नहीं भविष्य में भी कर्जा न हो ये भी निश्चित किया।

उद्योगपतियों ने क्या कहा
रिलायंस समूह के उपाध्यक्ष विवेक तनेजा ने कहा कि मध्यप्रदेश में समूह द्वारा बायो गैस और एनर्जी जनरेशन क्षेत्र में निवेश का विचार है। ट्रोपोलाइट के एमडी पुनीत डॉवर ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश प्रस्ताव की जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल से बेंगलुरू से लेकर ग्वालियर तक हुई इन्वेस्टर्स समिट और इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को रोजगार वृद्धि में सहायक बताया। उद्योगपतियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण हो रहा है। डॉवर ने गत 50 वर्ष के उद्योग क्षेत्र के अपने अनुभवों की भी चर्चा की। श्री डॉवर ने 100 करोड़ के निवेश मंतव्य की जानकारी दी जिससे करीब 500 महिलाओं को रोजगार मिलेगा।

कॉन्क्लेव के मुख्य आकर्षण

कॉन्क्लेव में 8 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जिससे लगभग 35000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

चार हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।

15 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों ने सहभागिता की, जिसमें कनाडा, नीदरलैंड, टोगो, जाम्बिया और मैक्सिको के प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए।

15 से अधिक राज्यों के निवेशकों ने सहभागिता की। इसमें अधिकांश पर्यटन, आईटी, फुटवेयर, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के उद्योगपति थे, जिन्होंने निवेश के लिये रूचि दिखाई।

400 से अधिक बायर-सेलर मीट हुईं।

5 से अधिक औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।

20 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों और उद्योग संगठनों के साथ वन-टू-वन चर्चा हुई।

6 सेक्टोरल सत्र और तीन राउण्ड टेबल बैठकें हुई।

ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी 8 जिलों में इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन सेंटर का शुभारंभ किया।

अडाणी समूह द्वारा 3500 करोड़ की लागत से गुना में 2 मिलियन टन सीमेंट प्रोजेक्ट एवं शिवपुरी में प्रोपेलेंट प्रोजेक्ट का प्रस्ताव दिया। जिससे 3500 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।

रिलायंस समूह ने रिन्युएबल एनर्जी गैस एवं बायो गैस प्रोजेक्ट के लिये निवेश प्रस्ताव दिया। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में 2000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

ट्रोपोलाईट फूड ग्रुप द्वारा फूड प्रोसेसिंग के लिये 100 करोड़ के निवेश से अपना व्यवसाय मध्यप्रदेश में और बढ़ाने का प्रस्ताव दिया, जिससे महिलाओं के लिये 500 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

मुख्यमंत्री ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में 4 नये औद्योगिक पार्क की घोषणा की।

मुरैना जिले के सीतापुर में पुलिस चौकी एवं मुरैना के बामोर में फायर स्टेशन की घोषणा।

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