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कोलकाता रेप-मर्डर केस: अब ईडी के राडार पर आए संदीप घोष, एक साथ 6 ठिकानों पर दी दबिश, 100 लोगों की टीम खंगाल रही दस्तावेज

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कोलकाता। कोलकाता रेप-मर्डर केस बीते एक महीने से सुखिर्यों में बना है। इस मामले को लेकर जहां जमकर सियासत हो रही है। वहीं दूसरी जांच एजेंसियां भी लगातार छापेमारी कर रही हैं। अब इस मामले में ईडी की भी एंट्री हो गई है। यहीं नहीं जांच एजेंसी ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के आधा दर्जन ठिकानों पर एक साथ दबिश दी है। करीब 100 लोगों की टीम ने हावड़ा, सोनारपुर, सुभाषग्राम और हुगली में छापेमारी की है। इसमें घोष का बेलियाघाटा वाला घर भी शामिल है। जानकारी तो यह भी सामने आ रही है कि हुगली में एक जगह घोष के करीबी रिश्तेदारों के घरों पर ईडी की ने छापेमारी कर दस्तावेज खंगाल रही है। संदीप घोष पर वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप है। इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। उधर इस मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को सीबीआई को अस्पताल में वित्तीय गड़बड़ी की जांच सौंपी थी। जांच के दायरे में आए पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष सीबीआई की हिरासत में है। सीबीआई ने कोर्ट में 10 दिन की हिरासत की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने 8 दिन के हिरासत की मंजूरी दी। सीबीआई के बाद अब इस मामले में ईडी की भी एंट्री हो गई है।

क्या है आरजी कर मेडिकल कॉलेज का मामला?
बता दें कि 8-9 अगस्त दरम्यानी रात कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप करने के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है। इस दिलदहलाने वाली वारदात को अंजाम दिया था संजय राय नाम के युवक ने। वारदात के बाद, संजय रॉय की गिरफ्तारी और उससे हुई पूछताछ में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। वारदात के बाद संजय रॉय ने जो किया, उसने पुलिस को कई सवालों में उलझा दिया है, पूछताछ के बाद सामने आई जानकारी के मुताबिक, वारदात के बाद संजय रॉय सीधे फोर्थ बटालियन गया और वहां जाकर सो गया। 10 अगस्त की सुबह जब वह उठा, तो उसने फिर से शराब पी और वापस सो गया। पुलिस को शक होने पर उन्होंने अस्पताल के सेमिनार हॉल के आसपास के तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इन फुटेज में संजय रॉय की गतिविधियों के साथ-साथ अन्य लोगों की भी पहचान की गई।

रेप-मर्डर केस और वित्तीय गड़बड़ी के बीच कड़ी बन सकता है यह लेटर
इस बीच 5 सितंबर को सीबीआई की जांच में सामने आया है कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का आॅर्डर दिया था। ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह सेमिनार हॉल में ही मिला था। सूत्रों के मुताबिक सीबीअआई को ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि संदीप घोष ने 10 अगस्त को लेटर लिखकर स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (पीडब्ल्यूडी) को सेमिनार हॉल से लगे कमरे और टॉयलेट का रेनोवेशन करने को कहा था। इस परमिशन लेटर पर घोष के साइन भी हैं। जांच अधिकारियों का कहना है कि रेनोवेशन लेटर से यह साफ हो रहा है कि घोष को यह काम कराने की जल्दी थी, लिहाजा यह डॉक्यूमेंट रेप-मर्डर केस और आरजी कर कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी के केस के बीच कड़ी जोड़ने में मदद कर सकता है।

स्टूडेंट्स के विरोध के बाद रोक दिया गया था रेनोवेशन का काम
13 अगस्त की शाम को जब कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सीबीआई को यह केस हैंडओवर किया था, उसके कुछ ही घंटों बाद पीडब्ल्यूडी स्टाफ ने सेमिनार हॉल से लगे कमरे का रेनोवेशन शुरू कर दिया था। हालांकि, कॉलेज स्टूडेंट्स ने इस केस को लेकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसके चलते रेनोवेशन के काम को वहीं रोक दिया गया। विरोध प्रदर्शन कर रहे पश्चिम बंगाल की मेडिकल फ्रेटरनिटी के सदस्यों का कहना है कि आरजी कर कॉलेज अकेला कॉलेज नहीं था, जहां रेप और मर्डर किए जा रहे हैं। ट्रेनी डॉक्टर को इसलिए मारा गया क्योंकि उसे कॉलेज की वित्तीय गड़बड़ियों के बारे में पता चल गया था।

पीड़िता के पिता ने पुलिस पर लगाया आरोप
पीड़िता के पिता का कहना है कि कोलकाता पुलिस ने जल्दबाजी में शव का अंतिम संस्कार कराकर मामले को दबाने की कोशिश की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस मामले के सामने आने के बाद हमें रिश्वत देने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस शुरूआत से ही इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही थी। हमें बेटी का शव तक देखने नहीं दिया गया और घंटों पुलिस स्टेशन में इंतजार कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद हमें शव सौंपा गया। इसी बीच एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हमें रिश्वत देने की कोशिश की लेकिन हमने इससे इनकार कर दिया। पीड़िता के परिजनों का कहना है कि अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए वे जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन में शामिल हुए। बता दें कि 10 अगस्त से ही पूरे बंगाल में प्रदर्शन हो रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोग पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। बता दें कि मामले के तूल पकड़ने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

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