इंदौर। इंदौर कांग्रेस के दो नेताओं को नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत करना भारी पड़ गया है। दरअसल विजयवर्गीय के स्वागत से नाराज पार्टी हाईकमान ने इंदौर शहर अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा और ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव को सस्पेंड कर दिया। बताया जा रहा है कि इन दोनों नेताओं को नाटिस जारी कर सात में जवाब मांगा गया था, लेकिन संतोष जनक जवाब न मिलने पर इन्हें सोमवार को पार्टी से निलंबित कर दिया गया।
अब यहां पर बताते हैं कि इन दोनों नेताओं पर कार्रवाई हुई। 12 जुलाई को मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कई भाजपा नेताओं के साथ पौधरोपण अभियान में शामिल होने कांग्रेस नेताओं से अपील करने इंदौर के गांधी भवन कार्यालय पहुंचे थे। तब यहां शहर अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा और ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव के नेतृत्व में विजयवर्गीय का हार-फूल से स्वागत किया गया। इतना ही नहीं समोसे और गुलाब जामुन का नाश्ता भी कराया गया। नाराज कांग्रेस हाईकमान ने कहा- दोनों ने गांधी भवन में ऐसे शख्स का स्वागत किया, जिसने लोकतंत्र की हत्या की है।
अनुशासन की श्रेणी में आता है ऐसे व्यक्ति का सत्कार करना
उप संगठन प्रभारी ने नोटिस में लिखा एक ऐसा व्यक्ति जिसने मां अहिल्या की नगरी में लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की। इंदौर की जनता से उनके मत का अधिकार छीनने का कृत्य करके देश-विदेश में इंदौर को शर्मसार किया, जिसकी निंदा इंदौर वासियों ने भी करीं। ऐसे व्यक्ति का स्वागत सत्कार इंदौर जिला कांग्रेस कमेटी गांधी भवन में करना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता हैं। आप 7 दिवस में अपना स्पष्टीकरण देवे। इस अवधि में आपको आपको वर्तमान पद से निलंबित किया जाता है। वहीं कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष मुकेश नायक ने बताया कि दोनों ने 28 जुलाई तक नोटिस का जवाब नहीं दिया, इसलिए संतोषप्रद जवाब मिलने तक निलंबित रहेंगे।
चड्ढा पहुचे दिल्ली
निलंबन के बाद शहर कांग्रेस अध्यक्ष रहे चड्ढा अचानक दिल्ली पहुंच गए। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में हूं। रात को लौटकर इस मुद्दे पर अपनी बात रखूंगा। ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है। वहीं इस मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है। उन्होंने तर्क दिया कि इसकी जानकारी उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी राजीव सिंह ही दे पाएंगे। बता दें, पार्टी नेताओं ने पहले कहा था कि प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के निर्देशानुसार ही विजयवर्गीय का कार्यालय में स्वागत किया गया था। हालांकि, पटवारी ने इस पर अपनी सफाई दे दी थी और घटनाक्रम पर खेद जताया था।
कांग्रेस विजयवर्गीय के स्वागत से इतनी नाराज क्यों?
बता दें, कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में अक्षय बम को इंदौर से प्रत्याशी बनाया था। मंत्री विजयवर्गीय की मौजूदगी में 29 अप्रैल को कलेक्टोरेट जाकर एनवक्त पर बम ने फॉर्म उठा लिया। बम के भरोसे में पार्टी ने किसी दूसरे उम्मीदवार का नामांकन दाखिल नहीं किया था। ऐसे में पार्टी लोकसभा चुनाव की दौड़ से बाहर हो गई थी। कांग्रेस ने मंत्री विजयवर्गीय पर लोकतंत्र की हत्या करने और इंदौर के नागरिकों के मत का अधिकार छीनने का आरोप लगाया था। घटनाक्रम के डेढ़ महीने बाद ही विजयवर्गीय का 12 जुलाई को कांग्रेस के गांधी भवन में अध्यक्षों ने स्वागत कर दिया। यह भी परंपरा से हटकर किया, जिससे पार्टी नाराज हो गई।