बेंगलुरु। कर्नाटक में भूमि आवंटन घोटाला सुर्खियों में रहा है। इतना ही विपक्ष मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के शामिल होने को आरोप लगा रहा है। इस मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा की मांग को लेकर भाजपा विधायकों ने अनूठा तरीका भी बना लिया है। जो गुरुवार सुबह देखने को भी मिला। दरअसल भाजपा विधायकों ने अपनी मांग मनवाने के लिए विधानसभा भवन में रातभर धरना दिया। कई विधायक तो तकिया-चादर लेकर भी विधानसभा पहुंचे थे। बीजेपी की तरफ से जारी एक वीडियो में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक समेत अन्य नेता असेंबली में सोते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही विधायकों की यह तस्वीरें चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
गौरतलब है कि भाजपा ने एक दिन पहले ही मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में फर्जी जमीन आवंटन पर चर्चा की मांग की थी। हालांकि, जब इसे लेकर विपक्ष को अनुमति नहीं मिली तो विधायकों ने विधानसभा और विधान परिषद के अंदर ही दिन रात धरने का एलान किया। विपक्ष का कहना है एमयूडीए घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार के अन्य लोगों का नाम भी शामिल है। भाजपा ने आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों सदनों में विपक्ष को इस मुद्दे पर चर्चा की इजाजत नहीं दी गई जबकि विधानमंडल सत्र शुक्रवार को समाप्त होने वाला है। भाजपा विधायकों का कहना है कि इस मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा कराने को लेकर वे आज गुरुवार को भी अपना विरोध जारी रखेंगे।
क्या बोले भाजपा विधायक?
विधान सौधा में प्रदर्शन को लेकर भाजपा विधायक बासनागौड़ा पाटिल ने कहा, “ये एमयूडीए घोटाला चार हजार करोड़ रुपये का है। जमीन के अधिग्रहण और प्लॉट के आवंटन में काफी घोटाला हुआ है। हम चाहते हैं कि सिद्धारमैया, येदियुरप्पा और बसवराज बोम्मई के समय हुए सभी घोटालों की असलियत सामने आए। कर्नाटक में जारी इस तरह की सामंजस्य की राजनीति खत्म होनी चाहिए। हमारे पार्टी हाईकमान को समझना होगा कि सामंजस्य की इस राजनीति ने कर्नाटक में भाजपा का काफी नुकसान किया है। हमारी मांग है कि सिद्धारमैया इस्तीफा दें और इस घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए।”
मतलब एमयूडीए में हुआ 100 फीसदी घोटाला
वहीं भाजपा विधायक महेश तेंगीनकई ने कहा कि सत्तापक्ष चर्चा के लिए ही तैयार नहीं है। मतलब एमयूडीए में 100 फीसदी घोटाला हुआ है। अगर वे चर्चा के लिए तैयार नहीं होते तो हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। इस्तीफों को भूल जाइए, ये लोग तो बात करने के लिए भी तैयार नहीं है। हमने कभी इतनी बुरी सरकार नहीं देखी।
क्या है मामला?
कर्नाटक में भूमि आवंटन घोटाला सुर्खियों में रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री की पत्नी 2021 में भाजपा के कार्यकाल के दौरान मुदा की लाभार्थी थीं। उस समय मैसूर के प्रमुख स्थानों में 38,284 वर्ग फुट भूमि उन्हें उनकी 3.16 एकड़ जमीन के कथित अवैध अधिग्रहण के मुआवजे के रूप में आवंटित की गई थी। मैसूर के केसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें उपहार में दी थी। मुआवजे के तौर पर दक्षिण मैसूर में एक प्रमुख इलाके में उन्हें जमीन दी गई। आरोप है कि केसर गांव की जमीन की तुलना में इसकी कीमत काफी अधिक है। इसके कारण मुआवजे की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए हैं।