21.4 C
Bhopal

इंदौर से बड़ी खबर: मल्हारगंज के अनाथ आश्रम में दो बच्चों ने तोड़ा दम, कई गंभीर, डिहाइड्रेशन बना मौत का कारण

प्रमुख खबरे

इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां के मल्हारगंज क्षेत्र में स्थित अनाथ आश्रम में कई बच्चे बीमार पड़ गए हैं। इतना ही नहीं, बीते दो दिनों में दो बच्चों की मौत भी हो गई है। जबकि करीब एक दर्जन बच्चों को अस्पताल में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिली जानकारी के अनुसार बच्चों के खून में इन्फेक्शन मिला है। बच्चों को तबियत खराब होने पर पहले एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन जब उनमें सुधार नहीं हुआ तो सभी को बच्चों को मंगलवार सुबह चाचा नेहरू अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। कई बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक दो बच्चों की मौत हुई है। डायरिया या डिहाइड्रेशन से एक मौत की आशंका है और एक बच्चे की मौत फिट जैसी बीमारी के कारण होना पता चली है। जांच के बाद ही पूरी तरह से स्थिति साफ हो पाएगी। एमवायएच अधीक्षक डॉ. अशोक यादव का कहना है कि बच्चों में डिहाइड्रेशन के प्रारंभिक लक्षण मिले हैं। बीमारी से करण और आकाश नामक बच्चों की मौत हुई है। करण देवास जिले के सोनकच्छ का रहने वाला है। करण को 15 महीने पहले चाइल्ड लाइन के माध्यम से आश्रम में लाया गया था।

कई जिलों के बच्चे पढ़ाई करते हैं यहां
वहीं आकाश नर्मदापुरम जिले का रहने वाला है। आकाश अनाथ आश्रम में बीते सात सालों से रह रहा था। मल्हारगंज पुलिस के मुताबिक 12 साल के करण की सोमवार को तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई इसके बाद मंगलवार सुबह सात साल के आकाश ने दम तोड़ दिया। आश्रम के सेवादारों का कहना है कि सबसे पहले आश्रम में कृष्णा को इंफेक्शन हुआ था लेकिन वह स्वस्थ हो गया। इसके बाद अन्य बच्चों की हालत बिगड़ने लगी लेकिन वह स्वस्थ नहीं हो पाए। गौरतलब है कि यहां पर मध्यप्रदेश के कई जिलों से आए बच्चे पढ़ाई करते हैं। इन्हें अलग-अलग जिलों से लाकर आश्रम को सौंपा गया था। आश्रम 2006 में 78 दिव्यांग बच्चों से शुरू हुआ था। यहां फिलहाल 217 मानसिक दिव्यांग बच्चे (101 बालक और 116 बालिकाएं) हैं।

जो बालिकाएं बचपन में आईं अब वही बड़ी होने पर अन्य बच्चों को संभालती हैं
इंदौर के पंचकुइया रोड स्थित श्री युगपुरुष धाम आश्रम में मानसिक दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है। यहां अलग-अलग जिलों से बच्चों को चाइल्ड लाइन या अन्य माध्यम से सौंपा जाता है। सरकारी रिकॉर्ड में सभी बच्चों के साथ मां का नाम डॉ. अनिता शर्मा लिखा हुआ है। जो बच्चे 10-15 साल पहले आए थे, इन्हीं में से 18 बेटियां एक-एक बच्चे की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। युगपुरुष स्वामी परमानंदगिरि महाराज के सान्निध्य में यह आश्रम संचालित हो रहा है। सभी की मां का नाम प्राचार्य अनिता के नाम पर और पिता की जगह आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा का नाम लिखा गया है। सभी बच्चों के सरनेम स्वामीजी के नाम पर परमानंद रखे गए हैं।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे