नई दिल्ली। बांग्लादेश में नौकरियों पर आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर छात्रों का हिंसक आंदोलन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इतना ही पुलिस के साथ हिंसक झड़प में अब तक 39 प्रदर्शनकारियों को अपनी जान गंवानी भी पड़ी है। वहीं करीब 3000 प्रदर्शनकारी गंभीर रुप से घायल हुए हैं। अकेले गुरुवार को ही 18 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है। प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए ढाका में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज के साथ-साथ मदरसों को भी अनिश्चितकाल तक के लिए बंद कर दिया गया है। पूरे देश में सेना को मोर्चे पर उतार दिया गया है।
आधिकारिक बीएसएस समाचार एजेंसी ने बताया कि अधिकारियों ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजधानी सहित देश भर में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के जवानों को तैनात किया है। वहीं बांग्लादेश सरकार गुरुवार को देशभर में ताजा हिंसा भड़कने के बाद नौकरियों में कोटा प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ बातचीत करने को तैयार हो गई है। एक बैठक में शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी को चर्चा का काम सौंपा गया है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने छात्रों से फैसले तक धैर्य रखने को कहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे अधिकार समूहों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने बांग्लादेश से शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को हिंसा से बचाने का आग्रह किया है।
हसीना के इस फैसले का हो रहा विरोध
बता दें कि बांग्लादेश सरकार ने 1971 में पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले लोगों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी का आरक्षण देने का फैसला किया। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि इस आरक्षण की व्यवस्था को खत्म किया जाए। मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की तरफ से किए जा रहे इन प्रदर्शनों को बेरोजगार युवाओं का समर्थन मिल रहा है। बांग्लादेश की आबादी में पांचवां हिस्सा बेरोजगार या शिक्षा से वंचित है। इस मामले में 7 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सरकार की अपील पर सुनवाई होनी है, जिसमें कोटा बहाल करने का आदेश दिया गया था।
भारतीयों को सावधानी बरतने की सलाह
भारत ने बांग्लादेश में रहने वाले अपने नागरिकों को देश में हिंसक प्रदर्शन के चलते सावधानी बरतने की सलाह दी है। भारतीय उच्चायोग ने कहा, बांग्लादेश में भारतीय लोग अनावश्यक यात्रा से बचें और आवाजाही कम करें। भारतीय मिशन ने किसी भी सहायता के लिए कई आपातकालीन नंबर भी जारी किए हैं। उच्चायोग ने कहा, बांग्लादेश में मौजूदा हालात को देखते हुए भारतीय छात्रों को यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है।