भोपाल। मध्यप्रदेश में सोयाबीन का बंपर उत्पादन होता है। इतना ही नहीं, देश करीब 50 फीसदी सोयाबीन मप्र के ही किसान पैदा करते हैं। लेकिन सालों से सोयाबीन के दाम न बढ़ने से प्रदेश के किसानों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। अन्नदाता मप्र सरकार से सोयाबीन के दाम बढ़ाने की लगातार मांग कर रहे हैं। लेकिन किसानों की मांग पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में अब किसानों न्याय दिलाने के लिए मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सामने आए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम एक वीडियो जारी कर अपील की है कि सोयाबीन का रेट बढ़ाया जाए।
दिग्गी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि चूंकि हमारे अधिकांश किसान खरीफ में सोयाबीन की फसल लेते हैं, इसलिए उसके उत्पादन की खरीद सरकार को अवश्य करना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि इसका न्यूनतम भाव आज की लागत को देखते हुए लगभग 6000 क्विंटल से कम नहीं होना चाहिए। यही मध्यप्रदेश के 100% किसानों की डिमांड भी है, इस बात पर पीएम और सीएम पूरा ध्यान दें।
सोयाबीन के दाम 6000 प्रति क्विंटल किए
पूर्व सीएम ने कहा है कि 2011 के बाद से सोयाबीन के भाव लगभग स्थिर हैं। इसलिए किसानों के हित में सोयाबीन के दाम 6000 प्रति क्विंटल किए जाने चाहिए ताकि देश और एमपी के किसानों को सोयाबीन की फसल का पूरा लाभ मिल सके। पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा है कि देश में लगभग 50% से अधिक सोयाबीन मध्यप्रदेश में पैदा की जाती है लेकिन सन 2011 से लेकर आज तक लागत दोगनी तिगुनी हो गई, लेकिन सोयाबीन का भाव जस का तस है। 4300 रुपए प्रति क्विंटल 2011 में था और अभी उसी के आस पास है। उन्होंने कहा कि सोयाबीन की फसल का भाव अंतर्राष्ट्रीय सोयाबीन के उत्पादन पर निर्भर करता है और इस साल जो संभावना है उसके अनुसार अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन का भाव इसी प्रकार का रहेगा जो अभी तक 4000, 4300 रुपए प्रति क्विंटल बिकता था, शायद वह भी न मिल सके।