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शिवपाल फिर खा गए गच्चा, यूपी सीएम ने चाचा-भतीजे की ऐसे ली चुटकी

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लखनऊ। यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। पहले दिन का सत्र विपक्ष के शोर-शराबे की भेंट चढ़ गया था। लेकिन आज सदन में थोड़ी शांति दिखाई दे रही है। हालांकि मंगलवार को सदन में आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी को अपने निशाने पर ले लिया है। उनके निशाने पर थे सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल। सीएम योगी ने तंज कसते हुए कहा कि चाचा हर बार की तरह इस बार गच्चा खा गए। बता दें कि अखिलेशन यादव ने हिन्दू कार्ड खेलते हुए विपक्ष का माता प्रसाद पांडे बना दिया है, जबकि कयास लगाए जा रहे थे, यह जिम्मेदारी शिवपाल यावद को मिल सकती है। इसी को लेकर सीएम योगी ने चाचा-भतीजे पर निशाना साधा। इस दौरान सीएम ने विपक्ष का नेता बनाए जाने पर माता प्रसाद पांडेय को बधाई भी दी।

सीएम योगी ने सदन में बोलते हुए कहा, “आपके चयन के लिए मैं आपको बधाई देता हूं. वो अलग विषय है कि आपने चाचा को गच्चा दे ही दिया. चाचा बेचारा हमेशा ही ऐसे ही बार मार खा जाता है। उनकी नियति ही ऐसी है क्योंकि भतीजा हमेशा भयभीत रहता है, लेकिन आप सदन के वरिष्ठ सदस्य हैं। आपका मैं सम्मान करता हूं।” वहीं विधानसभा में नेता विपक्ष बनाए जाने के बाद माता प्रसाद पांडे ने सीएम योगी से महिला अपराधों को लेकर सवाल पूछा । उनके सवालों का जैसे ही सीएम योगी ने जवाब देना शुरू किया, बीच में शिवपाल यादव ने बोलना शुरू कर दिया। सीएम योगी को जवाब देते हुए शिवपाल यादव ने कहा, “हमें गच्चा नहीं मिला। हम पहले पीछे बैठते थे, उसके बाद नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी की बगल में आ गए तो गच्चा हमें नहीं मिला। गच्चा तो आपने हमें दिया है। हम तीन वर्ष आपके संपर्क में रहे तो गच्चा तो आपने हमें दिया। 2027 के चुनाव में हम लोग उधर बैठेंगे और डिप्टी सीएम आपको गच्चा देंगे।”

सीएम ने गिनाए महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़े
नेता विपक्ष के सवाल के जवाब पर सीएम योगी ने कहा, “महिला बाल सुरक्षा के मुद्दे केवल बाहरी ही नहीं, घर के अंदर और घर के बाहर दोनों होते हैं। सरकार ने इसको रोकने के लिए जो प्रयास किए उसकी तुलना करें तो 2016 की तुलना में दहेज की घटनाओं में 23-24 में 17.5% की कमी आई है। बलात्कार में 2016-17 से 2023-24 की तुलना में 25।30% की कमी आई है। 2017 से 2024 के बीच महिला और नाबालिग बच्चों के यौन उत्पीड़न के मामलो में सरकार के प्रॉसिक्यूशन तेज करने के परिणाम सामने आए हैं। 24,402 मामलों में दोषियों को सजा दिलाई गई है। 2017 से 2024 तक पॉस्को अधिनियम अंतर्गत 9,875 मामलों में सजा दिलाई गई है।

दो साल में 21 दोषियों को मौत की सजा
2022 से 2024 के बीच महिलाओं के खिलाफ पॉस्को अपराध में 16,718 दोषियों को सजा दी गई। इनमें 21 को मृत्यदंड, 1713 आजीवन कारावास, 4653 को 10 वर्ष या अधिक का कारावास, 10,331 को 10 वर्ष के कम के कारावास की सजा हुई। प्रदेश में इस दिशा में हुए अन्य प्रयास में इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम को हमने 2018 से ही पोर्टल एक्टिव किए हैं। इसमें फोकस मॉनिटरिंग होती है। महिला संबंधी अपराध में वर्षो की पेंडेंसी को पूरा किया। आज देश में महिला अपराध में अपराधियों को सजा दिलाने में तीसरे नम्बर का राज्य उत्तर प्रदेश है।

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