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महाकवि की रचनाएं देश की अमूल्य धरोहर, कालिदास समारोह में बोले धनखड़: उनकी कालजयी रचनाओं से प्रेरणा लेकर बचाना होगा धरा

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उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन में 7 दिवसीय कालीदास समारोह को मंगलवार को आगाज हो गया है। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड ने 66 वें भव्य अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ किया। कार्यक्रम मप्र के राज्यपाल मंगुभाई पटेल  और मुख्यमंत्री मोहन यादव के अलावा कई महान विभूतियां भी मौजूद रही। समारोह में अलग-अलग क्षेत्रों के कलाकारों को कालिदास राष्ट्रीय अलंकरण अवार्ड से सम्मानि भी किया गया।

उप राष्ट्रपति ने जय महाकाल ने अपने भाषण की शुरूआत की। उन्होंने कहा है कि अद्भुत प्रतिभा के धनी महाकवि कालिदास की अमर कृतियां मानव तथा प्रकृति के अटूट संबंधों का अनुपम उदाहरण है। महाकवि की रचनाएं देश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर हैं। अखिल भारतीय कालिदास समारोह के गरिमामय आयोजन द्वारा मप्र सरकार हमारी संस्कृति एवं विरासत को सहेजने और संरक्षित करने का सराहनीय कार्य कर रहा है। महाकवि कालिदास की रचनाएं हमारे जीवन मूल्यों को सदैव प्रेरित करती रहेंगी।

कालिदास की रचनाओं में मिलती है अटूट प्रेम की पवित्रता
उप राष्ट्रपति ने कहा कि महाकवि कालिदास ने अपनी रचनाओं में पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है जो सदैव प्रासंगिक है। मेघदूतम जैसी उनकी कालजयी रचनाओं से प्रेरणा लेकर हमें अपनी पृथ्वी को बचाना होगा। पर्यावरण-संरक्षण, जलवायु-संरक्षण की दिशा में गंभीरता से प्रयास करने होंगे, क्योंकि रहने के लिए कोई दूसरी पृथ्वी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि कालिदास की अभिज्ञान शाकुंतलम, मेघदूतम और कुमारसंभव रचनाएं ऋतु और मार्ग का नियमित क्रम मानवीय भावनाओं का अद्भुत संगम है। ऐसा संगम है, जो हमारे लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा। इन रचनाओं में आप देखेंगे मानव और प्रकृति के बीच एक अटूट रिश्ता प्रेम की पवित्रता का मिलता है।

कीर्ति सदैव रहती है अमर
धनखड़ ने कहा कि मैं यही कहूंगा कि शरीर नश्वर है, परंतु कीर्ति सदैव अमर रहती है। यह वाक्य मेरे नहीं है, यह महाकवि कालिदास के हैं। यह हमारे जीवन दर्शन का मूल आधार होना चाहिए,आइए हम सब मिलकर महाकवि कालिदास की इस अमूल्य विरासत पर गर्व करें। उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इस गरिमामय आयोजन के लिए मप्र सरकार एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव साधुवाद के पात्र हैं। प्रदेश सरकार द्वारा कला, साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान दिया जा रहा है।

सम्मान से अलंकृति विभूतियों को धनखड़ ने दी बधाई
कार्यक्रम में अखिल भारतीय कालिदास सम्मान से अलंकृत होने वाली प्रतिभाओं को बधाई देते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि इन प्रतिभाशाली व्यक्तियों के द्वारा हमारी संस्कृति के श्रेष्ठ तत्वों को सहेजने के साथ प्रदर्शित करने का उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। उप राष्ट्रपति ने अवंतिका नगरी के पौराणिक, आध्यात्मिक, धार्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उज्जैन में भगवान श्री कृष्ण ने सांदीपनि आश्रम में शिक्षा ग्रहण की है। यहां कालिदास और भृतहरि को ज्ञान का प्रकाश मिला है। सम्राट विक्रमादित्य के जग प्रसिद्ध न्याय का आदर्श उदाहरण उज्जैन है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि वे स्वयं उज्जैन आकर धन्य हुए हैं। यहां से प्राप्त अद्भुत अनुभव को जीवनभर संजोकर रखेंगे, यहां से एक नवीन ऊर्जा मिली है।

यह बोले सीएम मोहन
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम यादव ने कहा कि एक महत्वपूर्ण गौरवशाली परंपरा के रूप में उज्जैन में अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन किया जाता रहा है। महाकवि कालिदास और विक्रमादित्य की उज्जयैनी नगरी का प्रत्येक काल एवं युग में सदैव अस्तित्व रहा है। कई जन्मों के पुण्य, फलों के बाद हमें यह गौरव मिला है कि यहां आकर कुछ समय बिताएं। उप राष्ट्रपति ने आज अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारम्भ कर समारोह के गौरव में अभिवृद्धि की है। हम सबका यह सौभाग्य है कि इस समारोह के आयोजन का अवसर उज्जैन को सदैव मिलता है। मुख्यमंत्री ने समारोह के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।

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