भोपाल। मप्र सरकार के अनुरोध पर केन्द्र सरकार ने प्रदेश में एमएसपी पर सोयाबीन खरीदने को हरी झंडी दे दी है। अब मप्र में सोयाबीन की खरीदी 4892 रुपए प्रति क्विंटल की दर से होगी। बता दें कि सरकार ने ये प्रस्ताव मंगलवार को कैबिनेट बैठक में पास होने के बाद केंद्र को भेजा था। जिसे केन्द्र ने बुधवार को मंजूरी दे दी। लेकिन इसको लेकर प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इसे किसानों के साथ छलावा बताया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि यह एमएसपी तो पहले से ही तय थी। इसमें नया क्या किया?
उमंग सिंगार ने सरकार पर हमला बोलते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि मध्यप्रदेश का किसान ढूंढी रियो, मामा कां खोई गयो तुम किसानों को कितना मूर्ख बनाएगी मप्र सरकार सोयाबीन की जिस एमसपी को अजूबा बताकर श्रेय लूटा जा रहा है, वो तो पहले से ही तय थी! आपने इसमे नया क्या किया? कैबिनेट में उसी एमएसपी पर मुहर लगाकर ढिंढोरा पीट रही है। पर मध्य प्रदेश सरकार जरा ये बताए की सोएबीन की एमएसपी की दर पर खरीदी कब शुरू करेगी? जब खरीदी शुरू होगी और किसानों के खाते में पैसे आ जाएंगे, तब किसान आपकी बात मानेंगे। प्रदेश के किसानों ने शिवराज जी को मुख्यमंत्री बनाया और इसी के बदौलत कृषि मंत्री बने लेकिन उन्होंने मध्य प्रदेश के किसानों को कुछ नहीं दिया।
केन्द्र का फैसला ऊंट के मुंह में जीरा
वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है। 4800 रुपए क्विंटल से किसानों का काम नहीं चलेगा। 6 हजार समर्थन मूल्य में सोयाबीन की खरीदी होना चाहिए। 4892 रुपए तो किसानों को लागत लग रही है। किसानों को जब लागत नहीं मिलेगी तो खेती को लाभ का धंधा कैसे बनाएंगे ? सरकार को निर्णय करना चाहिए था तो 6000 का ऐलान करना चाहिए था।
सीएम ने शिवराज का जताया आभार
गौरतलब है क मंगलवार को मोहन कैबिनेट ने प्रदेश में सोयाबीन का एमएसपी बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया था। प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था। जिस पर तत्काल केंद्र सरकार ने एमपी के किसानों के सोयाबीन की एमएसपी पर खरीदी की अनुमति दी है। इस फैसले पर सीएम डॉ मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वाणिज्य मंत्री का आभार जताया हैं।