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बिहार बड़ा हादसा: वाणावार सिद्धेश्वर मंदिर में भगदड़ से गई 7 की जान, दो दर्जन घायल, सावन सोमवार पर उमड़ी थी भारी भीड़

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जहानाबाद। बिहार के जहानाबाद जिले में सावन के चौथे सोमवार पर बड़ा हादसा हो गया है। वाणावार सिद्धेश्वर मंदिर में भगदड़ मचने से 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। वहीं दो दर्जन से अधिक घायल हुए हैं। हानाबाद डीएम अलंकृता पांडे ने इस हादसे में 7 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टी की है। सिद्धेश्वर मंदिर में भगदड़ से सात लोगों की हुई मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। घटना रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात की है। मंदिर क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों और स्वयंसेवकों की मदद से राहत और बचाव का कार्य चल रहा है। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि चौथी सोमवारी को जलाभिषेक करने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी। वाणावार पहाड़ पर पतालगंगा से जो सीढी जाती है उसपर दर्जनों श्रद्धालु चढ़ और उतर रहे थे। मंदिर के पास सीढ़ी पर कांवरियों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। देखते ही देखते धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हो गई। मंदिर के पास मौजूद पुलिसकर्मियों ने हालात काबू पाने की कोशिश की लेकिन अचानक भगदड़ मच गई। भगदड़ होते ही इधर-उधर लोग भागने लगे। अंधेरे में लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए इधर-उधर भागने लगे। इधर, पुलिस जब तक हालात को नियंत्रित करती तब तक पांच महिला समेत सात श्रद्धालुओं ने दम तोड़ दिया।

डीएम और एसपी ने घटनास्थल पर पहुंचे
मृतकों में गया के मोर टेकरी निवासी पूनम देवी, जहानाबाद के मखदुमपुर थाना क्षेत्र के लडौआ गांव की निशा कुमारी, जल बीघा के नाडोल की सुशीला देवी, नगर थाना क्षेत्र के एरकी गांव की नीता देवी, प्यारे पासवान और राजू कुमार शामिल हैं। वहीं एक अन्य महिला की पहचान अब तक नहीं हो पाई है। जहानाबाद के थानेदार दिवाकर कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि हादसे के बाद डीएम और एसपी ने घटनास्थल पर पहुंचे और हालातों का जायजा लिया। अब तक सात लोगों की मौत की सूचना मिली है। मरने वालों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद हम शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजेंगे। घायलों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।

पुलिस-प्रशासन पर गंभीर आरोप
वहीं मखदुमपुर निवासी कृष्णा कुमार ने दावा किया है कि सात से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि जहानाबाद सदर अस्पताल में कोई विधि व्यवस्था नहीं है। इतना ही नहीं जहानाबाद पहाड़ पर भी प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। केवल चार-पांच पुलिसकर्मी किनारे-किनारे खड़े थे। कोई देखरेख करने वाले नहीं होने के कारण दर्शन करने वाले श्रद्धालु मनमानी कर रहे थे। धक्का-मुक्की करते हुए आगे बढ़ रहे थे। दो तरफ से रास्ता खुलने के कारण ऊपर काफी भीड़ हो जाती है। इसी कारण भगदड़ मची। मेरे परिवार से एक 20 साल की लड़की (निशा कुमारी) की मौत हो गई। एक लाश गाड़ी में पड़ी है। वह 35 साल के युवक की लाश है। अगर विधि व्यवस्था दुरुस्त रहती तो 35 साल का युवक नहीं मरता। एक मासूम बच्चे की मां मर गई है। वह रो-बिलख रहा है। उसे कोई देखने वाला है। एक-एक एंबुलेंस में चार-चार लोगों की लाशें लोड कर भेजी गई है।

हमलोगों के सामने ही विवाद हुआ था
प्रत्यक्षदर्शी मनोज ने बताया कि अगर प्रशासन ने अच्छा काम किया होता, तो फूल विक्रेता झगड़ा नहीं करता। हमलोगों के सामने ही विवाद हुआ था। इतने सारे श्रद्धालु वहां फंसे हुए थे, किसी ने मुझे वहां से निकाला। अगर मैं एक या दो मिनट और वहां फंसा रहता, तो मेरी भी मौत हो जाती। पुलिस मौके पर कहीं नजर नहीं आ रही थी। मामले में जदयू के जिलाध्यक्ष ने बताया कि बराबर में हादसा हुआ है। सात लोगों की मौत हो गई। घायलों का इलाज चल रहा है। जहानाबाद के बाराबर स्थित सिद्धेश्वर धाम में सोमवारी को लेकर भीड़ काफी बढ़ गई थी। इसी बीच अचानक भगदड़ मच गई।

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