भोपाल। बीज प्रमाणीकरण के नाम पर मध्यप्रदेश के किसानों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने और उसमें हुए भ्रष्टाचार को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने मोहन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने तो यहां तक आरोप लगा दिया है कि बीज प्रमाणीकरण के नाम पर किसानों के साथ 10 हजार करोड़ की धोखाधड़ी की गई है। इतना ही नहीं इसमें 50 फीसदी कमीशन मंत्री और अधिकारियों को भी मिला है।
जीतू पटवारी ने पीसीसी में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को उन्नत बीज के नाम पर घटिया फसल को तीन गुना दाम पर बेचकर हजारों करोड़ रूपयों का भ्रष्टाचार बीज उत्पादक कंपनियों तथा बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा किया जा रहा है, 40 लाख क्विंटल बोगस फसल को उन्नत और संकर बीज का टेग लगाकर किसानों को बेचा गया है और इस खेल में प्रतिवर्ष 10 हजार करोड़ किसानों से वसूले जा रहे हैं। इसमें से 50 प्रतिशत कमीशन के तौर पर मंत्री और अधिकारियों को भी दिए गए।
तो किसानों के साथ होगा आपराधिक अन्याय
पटवारी ने प्रदेश सरकार से कहा कि देश के किसानों से यदि ऐसे ही झूठ बोलेंगे, तो यह अन्न उपजाने वाले किसानों के साथ आपराधिक अन्याय होगा। सरकार कागजी आंकड़ों के भरोसे झूठे बयान देना बंद करे। उन्होंने कहा कि 15 से 20 वर्ष से बीज प्रमाणीकरण संस्था में जमे अधिकारी बेलगाम हो गये हैं और किसानों का बोगस पंजीकरण दिखाकर उन्नत किस्म के बीज का उत्पादन बताया जा रहा है। पिछले 15 वर्षों से बीज प्रमाणिकरण संस्था बीज उत्पादक, कंपनियों से दूरभी संधि कर कागजों में उन्नत बीज की पैदाइश बताकर सामान्य फसल पर टेग लगाकर बेच रही है।
मप्र में तीन सी वाली चल रही सरकार
पटवारी ने कहा कि प्रदेश में कर्ज, क्राइम और करप्शन वाली तीन सी की सरकार चल रही है और किसानों की हालत दिन प्रतिदनि गिरती जा रही है। भाजपा सरकार, उसके मंत्री अपना पेट भरने के लिए किसानों का गला घोटने का काम कर रही हैं। हमारे देश के कृषि मंत्री शिवराज ांसद में किसानों को लेकर बड़े बड़े भाषण दे रहे है। लेकिन बतौर मुख्यमंत्री आपने ही मध्यप्रदेश के किसानों से वादा किया था कि गेहूं-धान के लिए 2700 और 3100 रुपए का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा। चुनाव के बाद चली पर्ची में शिवराजसिंह तो मप्र से चले गए, लेकिन उनके साथ साथ मध्यप्रदेश में भाजपा द्वारा प्रदेश के किसानों से किये गये वादे भी चले गए। मप्र के सभी किसानों से किए वादों को पूरा करे सरकार।
लगातार घट रहा फसल उत्पादन
पटवारी ने कहा कि किसानों का फसल उत्पादन लगातार घट रहा है और प्रति हेक्टेयर में उत्पादकता की निरंतर कमी होती जा रही है। बीज कंपनियों ने प्याज, आलू, चना, मटर से गेहूं का उत्पादन बताकर प्रतिवर्ष 10 हजार करोड़ का भ्रष्टाचार कर रही है। फर्जी बीज की पाठशाला में अमरूद, नींबू से सोयाबीन, गेंहूं, धान को सोयाबीन में बदलने, चारा को गेंहू बताने और रकबे को 10 से 100 गुना अधिक बताने की जालसाजी का बड़ा खेल खेला जा रहा है। पड़ती (बंजर) खाल (गाद) में उन्नत बीज उगाने के नए-नए कारनामें सरकार द्वारा किये जा रहे है। उन्नत बीज के नाम पर गरीब किसानों से प्रतिवर्ष 10 हजार करोड़ की लूट के कारण किसान बेहाल होकर आत्महत्या कर रहे हैं। उन्नत बीज के नाम पर बोगस फसल को बेचने के खेल ने किसानों को बर्बाद कर दिया है।