नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने भारत की तुलना पड़ोसी देश बांग्लादेश के वर्तमान हालातों से की है। खुर्शीद उन्होंने शिक्षाविद मुजीबुर रहमान की किताब ‘शिकवा-ए-हिंद: द पॉलिटिकल फ्यूचर आॅफ इंडियन मुस्लिम्स’ की लॉन्चिंग के मौके पर कहा कि बांग्लादेश में जो हो रहा है वह भारत में भी हो सकता है। हालांकि सब कुछ सामान्य लग सकता है। बता दें कि बांग्लादेश बीते महीने से आरक्षण विरोधी हिंसा में जल रहा है। अब तक करीब 500 लोग इसकी बलि भी चढ़ गए हैं। इतना ही सरकार विरोधी हिंसा के बाद शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा पड़ा। साथ उन्होंने देश छोड़कर भारत आ गई हैं।
सलमान खुर्शीद ने कहा कि कश्मीर में सब कुछ सामान्य दिख सकता है। यहां सब कुछ सामान्य लग सकता है। हम जीत का जश्न मना रहे होंगे, हालांकि निश्चित रूप से कुछ लोगों का मानना है कि वह जीत या 2024 की सफलता शायद मामूली थी, शायद अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। वहीं बटला हाउस मुठभेड़ को याद करते हुए कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि घटना के बाद उन्होंने और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने घटनास्थल का दौरा किया था। लेकिन पुलिसकर्मियों ने सिब्बल के साथ अजनबी जैसा व्यवहार किया। खुर्शीद ने कहा कि जब 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ हुई थी तब वह सरकार का हिस्सा नहीं थे, लेकिन तब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार शासन कर रही थी। उन्होंने कहा कि सिब्बल को मैंने घटनास्थल पर नहीं जाना चाहते थे लेकिन मैंने उन्हें मना लिया। लेकिन जब सिब्बल घटना स्थल पर पहुंचे तो मंत्री का अभिवादन करना तो दूर की बात है पुलिस कर्मियों ने ऐसा व्यवहार किया जैसे वह कपिल सिब्बल को पहचानते ही नहीं हैं।
बांग्लादेश के 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और मंदिरों को बनाया निशाना
बांग्लादेश में हिंसा का दौर अभी भी जारी है। भीषण आगजनी के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हुए हैं। वहीं, हालात इतने बदतर हो गए है कि देश में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। भीड़ ने यहां के कम से कम 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमला किया और उनके कीमती सामान भी लूट लिए। वहीं, देशभर में कम से कम चार मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई है।
शाहीन बाग पर बोले आरजेडी सांसद मनोज झा
वहीं इस कार्यक्रम में आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ शाहीन बाग आंदोलन के बारे में बात की और कहा कि इसे उचित श्रेय नहीं दिया गया है। झा ने कहा, “शाहीन बाग की सफलता को उसकी उपलब्धियों की भव्यता के पैमाने पर नहीं मापा जाना चाहिए। याद रखें कि शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन क्या था। जब संसद हार गई, तो सड़कें जीवंत हो गईं।”
सलमान खुर्शीद ने शाहीन बाग पर क्या कहा?
साउथ-ईस्ट दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाओं के नेतृत्व में उअअ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगभग 100 दिनों तक जारी रहा और पूरे देश में इसी तरह के प्रदर्शनों को प्रेरित किया। मनोज झा को लगता है कि शाहीन बाग आंदोलन सफल रहा, जबकि सलमान खुर्शीद का विचार था कि आंदोलन विफल रहा क्योंकि विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रहे कई लोग अब भी जेल में हैं। खुर्शीद ने यह भी कहा कि आज देश में शाहीन बाग जैसा दूसरा आंदोलन नहीं हो सकता। कांग्रेस नेता ने कहा, “आपको बुरा लगेगा अगर मैंने कहा कि शाहीन बाग विफल हो गया? हम में से बहुत से लोग मानते हैं कि शाहीन बाग सफल हुआ, लेकिन मुझे पता है कि शाहीन बाग से जुड़े लोगों के साथ क्या हो रहा है। उनमें से कितने अभी भी जेल में हैं? उनमें से कितने हो सकते हैं उन्हें जमानत नहीं मिलेगी? उनमें से कितने लोगों के बारे में कहा जा रहा है कि वे इस देश के दुश्मन हैं?”