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उमर की ताजपोशी आज: शपथ से पहले कांग्रेस ने चौंकाया, एनसी को बाहर से सपोर्ट करने किया ऐलान, उठने लगे कई तरह के सवाल

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होने जा रहा है। उमर जम्मू-कश्मीर के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। मुख्यमंत्री सहित नौ मंत्री प्रदेश को मिलेंगे। इनमें कांग्रेस कोटे से एक मंत्री पद दिया जा सकता है। उमर अब्दुल्ला के शपथ समारोह में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल होंगे। लेकिन शपथ समारोह से पहले जम्मू-कश्मीर से एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल कांग्रेस उमर सरकार में शामिल न होकर बाहर से सपोर्ट करेगी। जबकि पहले कहा जा रहा था कि जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के चीफ तारिक हमीद कर्रा भी इस कैबिनेट में शामिल होकर मंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन अब कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि आज उनकी पार्टी का कोई भी विधायक मंत्री पद की शपथ नहीं लेगा और पार्टी बाहर से समर्थन करने पर भी विचार कर रही है।

बता दें कि हाल ही में हुए चुनावों में 90 सीटों में से नेकां ने 42 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने छह सीटें जीतीं। दोनों चुनाव पूर्व सहयोगी दलों के पास 90 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत है। पांच सदस्यों को एलजी द्वारा अलग से नामित किया जाना है। पांच निर्वाचित निर्दलीय विधायकों और आम आदमी पार्टी (आप) के एकमात्र निर्वाचित विधायक के समर्थन से उनकी ताकत और बढ़ गई है। सूत्रों की मानें तो उमर अब्दुल्ला के मंत्रिपरिषद में उनके समेत कुल 10 सदस्य होंगे। इनमें सकीना इत्तू, सैफुल्लाह मीर, अब्दुल रहीम राथर, अली मोहम्मद सागर, सुरिंदर सिंह, अजय सधोत्रा, पीरजादा मोहम्मद सैयद और कुछ निर्दलीय शामिल हैं। लेकिन कांग्रेस के सरकार में शामिल न होने से उमर अब्दुल्ला की टेंशन बढ़ सकती है।

कांग्रेस का कोई भी विधायक नहीं लेगा शपथ
यहां पर यह भी बता दें कि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था और माना जा रहा था कि कांग्रेस भी इस सरकार का हिस्सा रहेगी। लेकिन आज शपथ ग्रहण से पहले कांग्रेस के ऐलान ने सभी को चौंका दिया है, क्योंकि कांग्रेस विधायक के शपथ न लेने का सीधा मतलब है कि फिलहाल कैबिनेट शेयरिंग को लेकर बात फाइनल नहीं हो सकी है और कांग्रेस के पास बाहर से समर्थन देने का विकल्प भी है ताकि किसी तरह का दबाव भी न रहे। जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस प्रभारी भरत सिंह सोलंकी का कहना है कि फिलहाल नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के बीच बातचीत चल रही है। चर्चा पूरी होने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। बात पूरी न हो पाने के कारण आज कोई भी कांग्रेस विधायक शपथ नहीं लेगा। इस बात को लेकर भी चर्चा चल रही है कि कांग्रेस सरकार का हिस्सा रहेगी या फिर उसे बाहर से समर्थन करेगी।

ये है जम्मू-कश्मीर का नंबर गेम
जम्मू कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों के लिए चुनाव हुए थे और उपराज्यपाल की ओर से पांच विधायकों के मनोनयन को भी जोड़ लें तो सदन की स्ट्रेंथ 95 पहुंचती है। 10 फीसदी वाली कैप भी है, ऐसे में मंत्रिमंडल में सदस्यों की कुल संख्या 9.5 यानि अधिकतम 10 ही हो सकती है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के 42 विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं और चुनाव पूर्व गठबंधन में शामिल रही कांग्रेस के छह, सीपीएम के एक विधायक हैं। चुनाव पूर्व गठबंधन से ही 49 विधायक हैं और अब पांच निर्दलीय विधायकों ने भी उमर सरकार के समर्थन का ऐलान कर दिया है। आम आदमी पार्टी भी गिव एंड टेक के फॉर्मूले पर समर्थन आॅफर कर चुकी है। वहीं, बीजेपी 29 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही। महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी।

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